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शुक्रवार, 4 अगस्त 2017

रक्षाबंधन













इस बार राखी के त्योहार पर केवल.... अपनी सगी बहन को रूपये और उपहार देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री करने की जगह समस्त नारी जाति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का संकल्प कीजियेगा।
स्वयं नारी को भी स्वयंसिद्धा का अपना वास्तविक स्वरूप पहचानना होगा!! 
    एक भ्रम दूर कर दूँ ? रक्षाबंधन का त्योहार ; श्रावणी पर्व, रक्षा का ऐसा त्योहार है जिसका प्रारंभ देवराज इन्द्र की पत्नी इन्द्राणी द्वारा पति की रक्षा के लिए श्रावण पूर्णिमा को बाँधे गये रक्षा-सूत्र से  हुआ है ....स्त्री-माँ-बहन-पत्नी-बेटी सभी रूपों में समाज, संस्कृति और परिवार की रक्षा का दायित्व वहन करती भारतीय संस्कृति की शक्ति स्वरूपा नारी आज क्यों असुरक्षित हो गई ? अब कारण कुछ भी हो.... हमें वर्तमान को सुधारने के लिए प्रयासरत होना है। 
आईए हम सब संकल्प लें कि इस राखी की मिठास केवल मिठाई वाली नहीं रहेगी.... क्योंकि इस रक्षाबंधन से सिर्फ़ अपनी बहन नहीं... हर नारी के सम्मान की रक्षा का उत्तरदायित्व मेरे देश का हर स्वाभिमानी भाई उठाने को तैयार रहेगा!! 
*मॉरीशस के विश्व हिंदी सम्मेलन में भी मैनें नारी के संबंध में मॉरीशस के भारतवंशियों की चिंता को सुना है अतः भारतमाता के हर एक बेटे से ये मेरी अपील भी है.... प्रार्थना भी है.... बहुत पीड़ा होती है जब हर रोज़ निर्भया-कांड दोहराये जाने की ख़बरें , मासूम गुड़िया के साथ हुई बर्बरता के घिनौने समाचार - - - - पिघले गर्म सीसे से हमारे मन-प्राणों को तो...ज़िल्लत के फफोलों से भर जाते हैं - - - -पर हर भाई के आत्म सम्मान को भी चुनौती दे रहे हैं, ग़ैरत को ललकार रहे हैं।
आखिर कब तक इस, बीमार मानसिकता के लोगों के आगे.... घर-बाहर के *अच्छे लोग* मुँह और आँखें बंद कर 🙊  🙈🙊 बैठे रहेंगे ⁉️ क्या तब तक जब तक ये बीमार मानसिकता के लोग ; आपके अपने घर के दरवाज़े ना खटखटाने लगें❕ आग की लपटें आपके दामन तक ना पहुंच जाएँ ❗❗
रक्षा बंधन का पावन पर्व हमारे देश में आनंद  लेकर आये.... ये हमारे दृढ़ निश्चय द्वारा ही संभव है।
 इस रक्षाबंधन पर सभी भाई अपनी-अपनी बहनों को एक वचन दें - - हमारे रहते हर किसी की बहन सुरक्षित रहेगी। 
यक़ीन मानिए! बस इसी क्षण से हमारा देश, हमारा समाज, हमारा राज्य, हमारा मुहल्ला, हमारा घर - - - - इन्सानों की खुशहाल बस्तियों में बदल जायेगा !! 
सिर्फ़ एक शपथ ! एक वचन ! एक अहद । एक प्रॉमिस !!!!!! और सब ओर होंगी *शुभकामनाएँ *शुभकामनाएँ * शुभकामनाएँ !!!!*
  स्वीकार है ?? रक्षाबंधन को सच्चे अर्थों में मनाने की चुनौती????

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