२ अक्टूबर २०१३ का दिन; विश्व कोअहिंसा का मार्ग दिखाने वाले युग -पुरुष राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी
और - - जय जवान -जय किसान के उदघोष से देश में नवींन प्राण भर कर भारत की जनता की अदम्य
शक्ति को युद्ध और शान्ति दोनों क्षेत्रों में विश्व के सम्मुख उभार कर लाने की सामर्थ्य रखनेवाले
प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्म-दिवस के अवसर पर हमने हर बारश्रद्धा -सुमन अर्पित किये हैं।
मेरे विचार में सच्ची श्रद्धांजलि सारे राष्ट्र की गांधीवादी और शास्त्री जी की राष्ट्रवादी जनता नें आज दी है - दागदार राजनेताओं ,अपराधी मनोवृत्ति वाली मानसिकता के चंगुल से भारतीय जनतंत्र को बचा कर।
जनशक्ति के सैलाब में-अपराधी राजनेताओ के बचाव के लिए बनाया गया बिल और अध्यादेश दोनों धराशायी हो गये हैं।
आज फिर मन में विशवास जाग रहा है ,आने वाला समय सत्यवादीबापू के रामराज्य और कर्मठ शास्त्री जी के भ्रष्टाचार मुक्त समाज उभरेगा। हमारी परंपरा प्रत्येक बुराई की अति होने पर उसकी समाप्ति की घोषणा करती है -आज उसप्रभात की पहली किरण के निकलने का आभास हो रहा है। - - सत्य , अहिंसा , समभाव ,के साथ जय जवान -जय किसान - - सब मिलकर हमारे देश को गांधी - शास्त्री जी के सपनों का भारत बनाने की दिशा में बढ़ाएंगे।
1 टिप्पणी:
Inspiring one. Keep writing such things in the present scenario
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