आज का दिन, ११.जनवरी का दिन, हम सबको अप्रत्याशित रूप से दर्द और पीड़ा से भर गया था.... विजय का क्षण शोक में बदल गया था।एक ऐसे रेलमंत्री जो एक हादसे पर इस्तीफ़ा दे।एक ऐसे प्रधान-मंत्री - जो अपने लिए छोटी कार नहीं खरीद पाए।.... जिन्होंने अपने बेटे द्वारा एक एक बार... सिर्फ़... एक बार प्रयोग की गई सरकारी कार के पैट्रोल का खर्च सरकारी खजाने में जमा करवाया। जो अपने साधारण खादी के कुर्ते के फटने पर उनके रुमाल बनवाया करते थे...पर देश को हरित क्रांति , श्वेत क्रांति के क्षेत्रों में आत्म निर्भर बनाया और पाकिस्तान को युद्ध में आने धूल चटाई कि विजयी भारतवर्ष का हर नागरिक आत्मगौरव से भर गया।
मेरी दृष्टि में, हमारे दूसरे प्रधान मंत्री का समय भारतीयों के गौरव का स्वर्णिम इतिहास कहता है। सन् 1965 में सांय 7.30 पर हुए पाकिस्तानी हवाई आक्रमण के समय सेनाध्यक्ष द्वारा आदेश मांगने पर----
*"आप देश की रक्षा कीजिए और मुझे बताईए कि हमें क्या करना है।"
*उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री के रूप में - - -
संवाहक (कंडक्टर ) के रूप में महिलाओं की नियुक्ति की।
*भीड़ के नियंत्रण के लिए डंडों की जगह पानी की बौछारों का प्रयोग शुरू कर करवाया।
---राष्ट्रहित में ऐसे क़दमों को उठाने का साहस था शास्त्री जी में।
वर्तमान स्थितियों में जब सरेआम भारतीय सीमा पर, अपने प्राण हथेली पर लेकर चलने वाले सुरक्षा सेनाओं के शूरवीरों का अपमान होता है और सबके पेट भरने वाले किसान को अपनी जरूरतों के लिए आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ता है ..
तब - - - -
आज की पीढ़ी को जानना चाहिए भारत के उन महान प्रधान मंत्री के बारे में.....जिन्होंने ⭐ ⭐ ⭐ ⭐
* जय जवान - जय किसान को देशसेवा का सर्वोच्च लक्ष्य माना !?
*ऊँचे राजनैतिक पद पर बैठे होने के बावजूद छोटी कार खरीदने में असमर्थ हो!?
---ऐसे कितने ही अविश्वसनीय लगने वाले सत्य जुड़े हैं हमारे माननीय श्री लालबहादुर शास्त्री जी । व्यक्तिगत जीवन में सीधे -सादे और सरल आचरण वाले महान व्यक्तित्व के हम दर्शन कर पाए ये हमारा सौभाग्य है।
कोटि-कोटि नमन भारत माता के अनमोल लाल... लाल बहादुर शास्त्री जी को .... !!
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