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बुधवार, 16 जुलाई 2025

🇮🇳 मेघालय के अप्रतिम स्वातंत्र्य वीर ☀️यू तिरोत सिंग जी के जन्मदिवस ☀️ पर कृतज्ञतापूर्ण श्रद्धासुमन 🙏





१७ जुलाई का पावन दिन मेघालय में "यू तिरोत सिंग दिवस" के रूप में पूर्णश्रद्धा पूर्वक मनाया जाता है। 
यू तिरोत सिंग सीयम १८०० के दशक के आरंभ में खासी लोगों के प्रमुख थे।वर्ष १८२६ में, अंग्रेजों ने ब्रह्मपुत्र घाटी पर अधिकार कर लिया।खासी पहाड़ियों को पार करने के लिए अंग्रेज एक सड़क बनाना चाहते थे ताकि घाटी को सूरमा घाटी से जोड़ा जा सके, जिस पर वे अपना अधिकार कर चुके थे। अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व कर रहे डेविड स्कॉट ने सड़क निर्माण की अनुमति के लिए खासी सरदार तिरोत सिंग से संपर्क किया और उन्हें सड़क मार्ग से बेरोकटोक व्यापार का वचन दिया। यू तिरोत सिंग को षडयंत्रकारी अंग्रेजों के वास्तविक इरादों पर शक था। यह जानकर वे परेशान हो गए किअंग्रेज उनके क्षेत्र में अपनी फौजी टुकड़ियाँ बढ़ा रहे हैं। यू तिरोत सिंग ने तब अंग्रेजों को क्षेत्र छोड़ने का आदेश जारी किया, जिसे उन्होंने  नज़र अंदाज़ कर दिया।
तिरोत सिंह ने खासी पहाड़ियों से अंग्रेजों को खदेड़ने का दृढ़ निश्चय किया और अप्रैल १८२९ में उनके सैकड़ों सैनिकों ने एक ब्रिटिश चौकी पर हमला कर दिया। चार वर्ष तक चलने वाला 'आंग्ल- खासी युद्ध' छिड़ गया। खासी सैनिकों के पास यद्यपि ना तो पर्याप्त अस्त्र - शस्त्र थे और ना ही उनकी संख्या, तुलनात्मक दृष्टि से भी अधिक थी, फिर भी तिरोत सिंग और उनके सैनिकों ने चार वर्षों तक अपना जो अदम्य साहस और अप्रतिम वीरता दिखाई, वह अद्भुत है। अंततः तिरोत सिंग को अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया ढाका भेज दिया गया। वहाँ १७ जुलाई, १८३५ को इस अद्वितीय स्वातंत्र्य वीर नें वीरगति पाई। 
हर वर्ष उनकी शहीद दिवस पर मैरांग स्थित यू तिरोत सिंग स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है। 🙏स्वर्णअनिल

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