बच्चे अपने माँ -पापा की खुशियों के प्रति कितने संवेदन शील होते हैं
इसका एहसास हमारे बच्चों नेहमें हर कदम पर करवाया है । उस वक्त भी जब --
उन्होंने अपने हाथों की- - पेंटिग ,फूलों, चाकलेट ,केक से लेकर ----
प्यारी सी मुस्कान के साथ कितने खूबसूरत लम्हों से हमारे आज के दिन को
सजाया -संवारा है । आज क्लेरेजिज़ होटल के ढाबा रेस्टोरेंट में बच्चों ने इस दिन
को सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे नाम लिख कर हमें -हमें उन खुशियों से रूबरू करवाया
है जिनकी कल्पना - -हमनें नही की थी - - -बड़े होते बच्चों की ।
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