जाड़ों का मौसम

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गुरुवार, 1 मार्च 2018

फागुनी पूर्णिमा



**** बसंतपंचमी को प्रारंभ होने वसंतोत्सव की पूर्णाहुति फागुनी पूर्णिमा को रंगों भरी होली से होगी ....पर🎵🎵 इससे पूर्व संगीत, उल्लास और प्रेम के पावन पर्व होली की धमाकेदार शुरुआत हो चुकी है ....राधारानी के गाँव बरसाने की विश्व प्रसिद्ध " लट्ठमार होली " से ! नंदगाँव के कान्हा के संगी-साथी, बरसाने में  कनुप्रिया की सहेलियों पर रंग डालने पहुँचते हैं और ढोलक की लयभरी थाप पर गोपिकाओं के समूह लाठियों से उनको पीटती हैं। ********** हँसी-ठिठोली, पीले, लाल, गुलाबी, हरे और केसरिया गुलाल के बादल, सतरंगी कीच और डंडों व ढोलक की धमक के बीच इठलाती, गाती रस-रंग की धूम मचाती होली की ढेर सारी शुभकामनाएँ !!!!
बरसाने की फाग के साथ🎉🎉🎉🎉
🌞😊😊😁🎉🎉🎉🎉😁😊😊🌞
फाग खेलन बरसाने आए हैं, नटवर नन्दकिशोर
नटवर नन्दकिशोर,फाग खेलन बरसाने आए हैं।
घेर लई सब गली रंगीली,
छाय रही सब छवि छबीली,
जिन अबीर, जिन अबीर, जिन अबीर,
गुलाल उड़ाए हैं, मारत भर-भर झोर,
फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर।।
सह रहे चोट ग्वाल ढालन पे
 केसर कीच मलैं गालन पे,
जिन हरियल,जिन हरियल बाँस मँगाए हैं,
हरियल बांस चलन लगे चहुँ ओर,
फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर।।
भई अबीर घोर अँधियारी,
दीखत नाहिं कोई नर और नारी,जिन राधे
सैन चलाए हैं, पकरे माखन-चोर,
फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर।।
जुल-मिल के सब सखियाँ आईं,
उमड़ घटा अंबर पे छाई,जिन ढोल, जिन ढोल, जिन ढोल-मृदंग बजाए हैं, बंसी की घनघोर,
फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर।।
जो लाला घर जानो चाहो,
तो होरी को फगुआ लाओ
जिन श्याम ने, जिन श्याम ने, जिन श्याम ने
सखा बुलाए हैं, नाचत कर-कर शोर,
फाग खेलन बरसाने आए हैं नटवर नन्दकिशोर।।

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