जाड़ों का मौसम

जाड़ों का मौसम
मनभावन सुबह

लोकप्रिय पोस्ट

लोकप्रिय पोस्ट

Translate

लोकप्रिय पोस्ट

मंगलवार, 14 अप्रैल 2020

☀️भारतीय सौरवर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌾

भारतीय सौर-नववर्ष, विशु-साज्जे, बैसाखी, वैशाख संक्रांति, पुथांडु, विशु, पोहेला बोशाख, बोहाग बिहू, बिखोती, सतुआनि, महाविषुव संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ
वैशाख संक्रांति का पर्व, भारतीय संस्कृतिक एकता का प्रतीक है। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के दिन को नव वर्ष आरंभ के रूप में मनाते हैं। 
भारतीय महीनों की १२ संक्रांतियों में,वैशाख संक्रांति को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते हैं अतः इसे मेष संक्रांति के नाम से भी जाना जाता है।इस माह वैशाख संक्रांति /मेष संक्राति १३ अप्रैल - १४अप्रैल को है। पुण्यकाल में स्नान-दान और पितरों का तर्पण अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में मेष संक्रांति को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। ओडिशा में ‘पना संक्रांति’ या ‘महाविषुव संक्रांति’, तमिलनाडु में ‘पुथांदु’, पश्चिम बंगाल में ‘ पोइला बैसाख’, आसाम में ‘बोहाग बिहू’ या ‘रोंगाली बिहू’,
 पंजाब में ‘बैसाखी ’, केरल में ‘विशु’, बिहार में इस दिन सतुआनी
 ( सतुआ) के रूप में मानते हैं । हिमाचल प्रदेश के लोग  पारंपरिक  "विषु-साज्जे" को उल्लास पूर्वक मनाते हैं !
उत्तराखण्ड में इस पर्व को ‘बिखोती’ ( वहां के लोग एक पत्थर को दैत्य का प्रतीक मानकर डंडों से पीटते हैं।)   के रूप में मनाया जाता है।
13 अप्रैल 1699 में , सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोविन्द सिंह ने बैसाखी के ही दिन " खालसा पंथ " की स्थापना की थी, इसके पीछे उनका लक्ष्य तत्कालीन मुगल शासकों के अत्याचारों से जन-साधारण को मुक्त करना था । 
भारतीय सौर पंचांग से नववर्ष मानने वाले (* चैत्र से नववर्ष भारतीय चंद्र पंचांग के अनुसार है ) .... केरल, बंगाल, उड़ीसा, असम, हिमाचल प्रदेश,तमिलनाडु, पंजाब आदि राज्यों में वैशाख के इस पावन दिन को नये वर्ष के आगमन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नये वर्ष के आने की खुशी में नये संकल्प और नये कार्य प्रारम्भ किये जाते हैं।  
  🌾🌾नववर्ष की शुभकामनाएँ 🌾🌾
  🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻स्वर्ण अनिल।🖋️

कोई टिप्पणी नहीं: