*कंकणाकृति सूर्यग्रहण*, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और उसकी रश्मियां चारों ओर से निकल कर एक कंगन की तरह का आकार बनाती हैं तो उसे कंकण सूर्यग्रहण या खग्रास कहते हैं। यह खगोलीय घटना हमेशा अमावस्या तिथि को होती है।
यह नज़ारा दुनिया भर के लोगों के साथ भारत के लोगो ने भी देखा ।
वलयाकार सूर्य के इस सुंदर स्वरूप को दिल्ली में बादलों नें छिपा लिया था बाहर छत्त पर जा कर, हम सब ( ग्रहण देखने वाले चश्मे से ) आज के इस अविस्मरणीय दृश्य को देखना चाहते थे पर बादलों की साजिशों नें मुख्य समय में प्रकृति के इस सुन्दर चित्र पर आवरण डाल दिया - - - - -
बेशक कंकणाकृति के बाद के सूर्य के लाली लिए आकार को हमारी बिटिया नें आवाज़ लगाकर हमें दिखा ही दिया ----
बेशक कंकणाकृति के बाद के सूर्य के लाली लिए आकार को हमारी बिटिया नें आवाज़ लगाकर हमें दिखा ही दिया ----
और - - - - हमें भी इस बहुत ही ख़ूबसूरत, अविस्मरणीय खगोलीय घटना का अनुभव, उससे सुनकर और उसके द्वारा खींचे गए चित्रों में मिल गया।
चित्र :साभार, परितोष अनिल !!
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