पूर्वोत्तर भारत के अविस्मरणीय प्राकृतिक परिदृश्यों में मणिपुर के विष्णुपुर ज़िले में *लोकटक झील * है। इम्फाल शहर से ४८ किलोमीटर दूरी पर स्थित यह मनमोहक झील उत्तर-पूर्व भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील है।जल का यह सुंदर विस्तार, छोटे अंतर्देशीय समुद्र जैसा दिखाई देता है। लोकटक झील पर बिताया हुआ समय हमारे लिए जीवन भर की अमूल्य निधि बन गया है। लोकटक झील को भूगर्भीय हलचलों के कारण बनी ; विवर्तनिक झील (टैटोनिक) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो तैरते हुए वृत्ताकार द्वीपों से सजी हुई है।
तैरती फुमदियों के कारण (विभिन्न अपघटन अवस्थाओं में वनस्पति, मिट्टी और कार्बनिक पदार्थों का विषम द्रव्यमान) इसे दुनिया की एकमात्र तैरती झील भी कहा जाता है।
भूविज्ञान और भूगोल के प्राकृतिक सौंदर्य का स्रोत का यह मनोहारी स्थान, विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियों व वन्यजीवों, पक्षियों एवं जलजीवों के लिए आवास भी प्रदान करता है।
मणिपुर की यह झील अपने अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता, और सांस्कृतिक महत्व के लिए विख्यात है।
लोकटक झील के तैरते हुए द्वीप जिन्हें "फुमडी" कहा जाता है। ये फुमडी वनस्पति, मिट्टी और कार्बनिक पदार्थों का मिश्रण हैं जो झील की सतह पर सदा तैरते रहते हैं।
लोकटक झील में दुनिया का एकमात्र तैरता हुआ राष्ट्रीय उद्यान, केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान है। यह उद्यान "संगाई हिरण" का प्राकृतिक आवास है।यह"नाचता हिरण" मणिपुर का राज्य पशु भी है।
मीठे पानी से भरी "लोकटक झील" मणिपुर के लिए एक महत्वपूर्ण जलस्रोत है, जिसका उपयोग सिंचाई, पेयजल और जलविद्युत उत्पादन के लिए किया जाता है। यह झील स्थानीय लोगों के जीवन, संस्कृति और आजीविका का एक अभिन्न अंग है।
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